खूनी दस्त के कारण, लक्षण, दवा, इलाज, घरेलू उपचार/Bloody Diarrhea Reason, Symptoms, Medication, Home Treatment, In Hindi.
रक्तातिसार (खूनी दस्त) रोग में दस्त के अधिक होने से पेट में जख्म हो जाता है और दस्त के साथ खून आने लगता है। इस अवस्था में कभी-कभी खून अधिक मात्रा में आने लगता तो खूनी दस्त का रूप धारण कर लेता है। खूनी दस्त (रक्तातिसार) के रोगी को शुद्ध घी और तेल का सेवन करना चाहिए। परहेज में लालामिर्च, दाल और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। दस्त में खून आने की कई वजह हो सकती हैं। इनमें एक मुख्य वजह कीटाणु होते हैं। कुछ लोगों के पेट में कीड़े होते हैं। ये कीड़े धीरे-धीरे आंत में जख्म कर देते हैं और दस्त में खून आने लगता है। यह रोग करीब 20-40 वर्ष की उम्र में होती है।
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खूनी दस्त के रोगी को बेलगिरी के 50 ग्राम गूदे को 20 ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर दिन में दो-तीन बार खिलाने से खूनी दस्त में आराम मिलता है। चावल के 20 ग्राम धोवन में बेलगिरी का चूर्ण 2 ग्राम और मुलेठी चूर्ण 1 ग्राम को पीस छानकर 3-4 ग्राम खंड और मधु का मिश्रण करके दिन में 2-3 बार सेवन से खूनी दस्त मिटता है।
खूनी दस्त से ग्रसित मरीज को एक कच्ची छोटी मटकी बिना प्रयोग की हुई मटकी में एक पाव शुद्ध ताजा जल डाल दें, और उसी समय ताजा जामुन का गूदा छीलकर खुले आसमान में ओस में रख दे, सुबह हांथों से खूब मसलकर बिना कुछ डाले हुए कपडे से छानकर खूनी दस्त के रोगी को पिलाने से खूनी दस्त में शीघ्र आराम मिलता है।
दस्त के साथ या दस्त के पहले या बाद में खून आता हो तो बरगद वृक्ष की 20 ग्राम कोपलों को पीसकर रात्रि के समय पकावें, अब उसमे गाय के घी की मात्रा शेष रहने पर 20-25 ग्राम तक घी में शहद व चीनी मिलाकर सेवन करने से खूनी दस्त में लाभ होता है।
खूनी दस्त से परेशान मरीज को बबूल की हरी कोमल पतियों को पीस छानकर एक चम्मच रस में शहद मिलाकर दिन में दो-तीन बार पिलाने से खूनी दस्त आने बंद हो जाते है। बबूल के गोंद 10 ग्राम को 50 ग्राम पानी में भिगोकर मसल छानकर पिलाने से दस्त और खूनी दस्त मिटता है।
अशोक के 3-4 ग्राम फूलों को जल के साथ पीसकर खूनी दस्त के रोगी को पिलाने से खूनी दस्त में शीघ्र लाभ होता हैं।
खूनी दस्त में अंकोल का 3 ग्राम पत्तों का रस निकलकर दूध के साथ पिलाने से पहले दस्त होकर पेट साफ होने के बाद खूनी दस्त में लाभ होता है। तथा 500 मिलीग्राम कूड़ा छाल का चूर्ण और 500 मिलीग्राम अंकोल की जड़ की छाल का चूर्ण दोनों को शहद के साथ मिलाकर चावल के पानी के साथ सेवन करने से खूनी दस्त रोगी को आराम मिलता है।
आम के पत्तों का स्वरस 25 मिलीग्राम शहद 12 ग्राम और दूध 12 ग्राम तथा घी 6 ग्राम एक साथ मिलाकर पिलाने से खूनी दस्त में विशेष लाभ होता है।
मदार की छाल को छाया में सूखाकर एवं महीन पीसकर कपड़े से छानकर शुद्ध ठन्डे जल के साथ 50-125 मिलीग्राम ग्रहण करने से खूनी दस्त में अवश्य लाभ होगा।
दूब को सोंठ और सौंफ के साथ जल में उबालकर कपडे में छानकर सुबह-शाम नियमित पिलाने से खूनी दस्त मिट जाता हैं।
ईसाबगोल के साफ़ बीजों को पानी में डालकर रख दें, जब उसका लुआब बन जाता हैं तो इस लुआब में खंड मिलाकर नियमित सुबह-शाम पीने से एमबीक डिसेंट्री, जीर्ण खूनी दस्त, अतिसार, पतले डस्टम मरोड़ सभी प्रकार के दस्त में लाभ होता है।
गुलहड़ की कलियों को देशी गाय के घी में तलकर उसमें थोड़ा सा मिश्री व नागकेशर मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खूनी दस्त में लाभ होता है।
खूनी दस्त के मरीज को इमली के 10-15 ग्राम पत्तों को 400 ग्राम पानी में उबालकर चतुर्थाश शेष काढ़ा पिलाने से खूनी दस्त मिटता हैं। तथा इमली के पुराने पेट की जड़ की छाल और आधी मात्रा में काली मिर्च इन दोनों लेकर मट्ठे के साथ पीसकर मटर की जैसी गोलियां बनाकर एक से दो गोली दिन में दो-तीन बार रोगी को खिलाने से खूनी दस्त में शीघ्र लाभ होता हैं।
पीले कचनार के पत्तों को छाया में सुखाकर 5 ग्राम महीन चूर्ण को फांककर उसके शीघ्र बाद सौंफ का अर्क 2 चम्मच पीने से खूनी दस्त मिटता हैं।
खूनी दस्त की समस्या से छुटकारा पाने के लिए रोगी को 40 ग्राम इन्द्रजौ की छाल को 375 ग्राम पानी में उबालकर जब एक चौथाई काढ़ा शेष रह जाये तो छानकर उसमें उतना ही अनार का रस मिलाकर अग्नि पर गाढ़ा करके उसे 6 ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ सुबह-शाम मिलाकर पिलाने से खूनी दस्त मिटता हैं।
लाजवंती के मूल का 3 ग्राम महीन चूर्ण को दही के साथ प्रयोग करने से खूनी दस्त में तुरंत लाभ होता हैं। लाजवंती की जड़ के 10 ग्राम चूर्ण का एक गिलास जल में काढ़ा करके एक चौथाई शेष काढ़ा को सुबह-शाम पिलाने से खूनी दस्त में फौरन लाभ होता हैं।
मेंहदी के बीज को बारीक पीसकर उसमें गाय का देशी घी मिलाकर झड़बेर जैसी गोलियां बना इन गोलियों का सुबह-शाम नियमित जल के साथ सेवन करने से खूनी दस्त में आराम मिलता है।
नीम के पके हुए फल को नियमित प्रातकाल तीन-चार फल खाने से खूनी दस्त शीघ्र ही बंद हो जाता है।
खूनी दस्त (अल्सररेटिव कोलाइट्स) में हल्दी का प्रयोग एक अचूक इलाज है। सुबह-शाम लगातार छः सप्ताह तक हल्दी के सेवन करने से रोगी को खूनी दस्त से छुटकारा मिल जाएगा।
खूनी दस्त में गन्ने के रस में बराबरा मात्रा में अनार का रस मिलाकर 100-200 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम पीने से खूनी दस्त में लाभ होता है ।
गीली शतावरी को पीसकर उसमें गाय का दूध मिलाकर उसके बाद कपड़े से छानकर या रस में घी मिलाकर पका लें, इसका प्रयोग दिन में दो-तीन बार करने से खूनी दस्त में आराम मिलेगा।
खूनी दस्त से ग्रसित मरीज को 2 से 4 ग्राम गुड़ के साथ हरीतकी का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खूनी दस्त के रोगी को शीघ्र लाभ मिलता है।
कुड़ा की छाल का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर मिला लें। 1 से 2 ग्राम चूर्ण दही में मिलाकर सेवन करने से खूनी दस्त के रोगी का रोग दूर हो जाता है।
खूनी दस्त के रोगी को 2-4 ग्राम छोटी माई को पीसकर महीन चूर्ण बनाकर सुबह-शाम नियमित प्रयोग करने से खूनी दस्त ठीक होता है।
पथरचूर के पत्तों का रस 3 से 5 मिलीलीटर को 2 गुने देशी गाय का घी एवं जीरे के साथ दिन में दो-तीन बार सेवन करने से दस्त के साथ खून आना बंद हो जाता है।
चावल की धोवन में 20 ग्राम चंदन पीसकर मिश्री एवं शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से रक्तातिसार (खूनी दस्त) ठीक होता है।
खूनी दस्त के रोगी को 3 से 10 बूंद तारपीन के तेल को गोन्द के साथ घोटकर खंड के शर्बत में मिलाकर प्रयोग करने से रक्तातिसार बंद होता है।
खूनी दस्त से परेशान मरीज को 5 से 10 मिलीलीटर पिठवन के पंचांग के रस को छाछ के साथ सेवन करने से दस्त के साथ खून आना बंद हो जाता है। 10 से 20 मिलीलीटर पिठवन की जड़ का काढ़ा बनाकर बकरी के 250 मिलीलीटर दूध के साथ प्रयोग करने से खूनी दस्त बंद हो जाता है।
खूनी दस्त से ग्रसित रोगी को कचनार के फूल का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम प्रयोग करने से खूनी दस्त में लाभ होता है।
खूनी दस्त जैसी जटिल समस्या से छुटकारा पाने के लिए 1 से 3 ग्राम पाठा की जड़ को पीसकर चूर्ण बना लें, और दालचीनी या लौंग के चूर्ण को मिलाकर दिन दो-तीन बार प्रयोग करने से खूनी दस्त ठीक होता है।
जलपीपल की जड़ का चूर्ण आधे ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से खूनी दस्त ठीक होता है।
रक्तातिसार (खूनी दस्त) से ग्रसित मरीज को 5-10 मिलीलीटर कमलनाल का काढ़ा बनाकर लस्सी के साथ सुबह-शाम तथा दोपहर प्रयोग करने से खूनी दस्त में लाभ मिलता है।
खूनी दस्त में 3-4 मोगरा के पत्ते को पीसकर छानकर इसमें मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से दस्त के साथ खून आना बंद होता है।
खूनी दस्त से परेशान मरीज को कदम के पेड़ की छाल के 10-20 मिलीलीटर रस में जीरा और मिश्री को पीसकर चूर्ण बना लें, अब इन सबको मिलाकर सेवन करने से खूनी दस्त ठीक होता है।
Subject-Khooni Dast ke Karan, Lakshan, Dava, Ilaj, Gharelu Upchar, Khooni Dast ke Ilaj, Raktatisar ke Gharelu Ilaj, Khooni Dast ka Upchar, Bloody Diarrhea Reason, Symptoms, Medication, Home Treatment, In Hindi.
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