क्या होता है जुकाम What is common cold?
जुकाम-खांसी ज्यादातर बदलते हुए मौसम के साथ आने वाली समस्या है। खांसी बैक्टीरिया वायरल इन्फेक्शन, साइनस, एलर्जी इन्फेक्शन या सर्द के कारण हो सकती है लेकिन हमारे देश में कुछ ऐसे भी लोग है कि हर परेशानी के लिए लोग डॉक्टरों के पास जाना पसंद नहीं करते क्योंकि हमारे ही किचन में कई ऐसे नुस्खे छिपे होते हैं जिनके बारे में हमें खुद को जानकारी नहीं हो पाती। खांसी-जुकाम जैसी छोटी-मोटी बीमारियां घरेलू नुस्खे से शीघ्र फुर्र हो जाती हैं। तो आइए हम जानेगें जुकाम-खांसी के रामबाण घरेलू नुस्खे…
स्वास्थ्य वर्धक आयुर्वेदिक
औषधि Click Hereजड़ी-बूटी इलाज
Click Here
जुकाम के कारण
बच्चों में यह समस्या एलर्जी और फर्स स्पर्श करने से, बोतल में दूध या पानी पीने के कारण होती है। बच्चों के आस-पास अगर कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो भी बच्चों को साइनस की समस्या हो जाती है। वहीं बड़ों में ये समस्या मुख्यत: एलर्जी, प्रदूषण, धूम्रपान और इंफेक्शन के कारण होती है।
जुकाम के लक्षण
बदलते मौसम के वजह से अक्सर जुकाम की समस्या हो जाती है। जैसे- खांसी, छींकना, गले में खराश, नाक बहना या बंद रहना, बुखार, सिर दर्द, सांस लेने में समस्या आना, थकान का महसूस होना, शरीर सुस्त रहना आदि सर्दी-जुकाम-खांसी के प्रमुख लक्षण हैं। जुकाम की समस्या आमतौर से 6 से 7 दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन कुछ लोगों में जुकाम की समस्या लंबे समय तक बना रहता है। जुकाम के लम्बे वक्त तक बने रहने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे- समय से खाना न खाना, समय से ब्रस न करना, समय से सो कर न उठना आदि कई कारण हो सकते हैं जरूरी है कि आप जुकाम से छुटकारा पाने की कोशिश कुछ इस तरह से कर सकते हैं…
जुकाम से बचाव
1. एलर्जी से दूर रहने के लिए (Over Stuffed Furniture) से जुकाम के रोगी को परहेज रखना चाहिए। अपने बिस्तर और तकियों की नियमित सफाई करना चाहिए।
2. पायदानों और गलीचों की सफाई का भी ध्यान समय-समय पर रखना चाहिए। परफूम आदि की दुर्गन्ध से दूर रहना चाहिए। वायु प्रदूषण से बचना चाहिए।
3. अपने घर के वायु-संचालन सिस्टम को हमेशा सुधार कर रखना चाहिए। जहां तक हो सके तो घर के सभी बिंडो खोलकर वायु-संचालन करना चाहिए।
4. जिन व्यक्तियों को जुकाम या कोई अन्य वायरल इंफेक्शन हो, उनके संपर्क में से दूर रहना चाहिए।
5. अधिक तापमान और निम्न तापमान में नहीं रहना चाहिए। तापमान में अचानक आने वाले बदलाव से ही जुकाम की समस्या का समना करना पड़ता है।
6. शरीर के तनाव से दूर रहना चाहिए क्योंकि तनाव के कारण हमारे शरीर की सफेद कोशिकाएं जो शरीर की रक्षा करती हैं, वो कमजोर पड़ जाती हैं। इस लिए जुकाम की समस्या का समना करना पड़ता है।
7. साफ सुथरे कपड़ों का ही प्रयोग करना चाहिए और अपने हाथों को सदा साबुन से साफ करें।
8. प्रातःकाल उठते ही चाय या गर्म पानी का सेवन करना चाहिए। गर्म तरल पदार्थ बलगम के प्रवाह को कम करते हैं और नाक या गले में बलगम आदि एकत्रित नहीं होने देते।
जुकाम में वचा के प्रयोग: जुकाम से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए वचा के चूर्ण को कपड़े में रखकर सूंघने से जुकाम ढीला होकर आसानी से निकल जाता है।
जुकाम में तुलसी से इलाज: पीनसरोग (जुकाम) से छुटकारा पाने के लिए तुलसी के पत्ते या मंजरी को सूंघने से मस्तक के कृमिनष्ट होकर नाक का कचड़ा साफ हो जाता है। जुकाम से शीघ्र आराम मिलता है।
जुकाम में तिल से उपचार: जुकाम से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए तिल के पत्रों को पानी में भिगोकर उसका लुआब बनाकर खाने से जुकाम नष्ट हो जाता है।
सर्दी-जुकाम में तेजपात से उपाय: सर्दी-जुकाम से परेशान रोगी को चाय पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से छीकें आना, नाक बहना, जलन, सिर दर्द में शीघ्र आराम मिलता हैं। तेजपात के पत्तों को सूँघने से भी जुकाम में लाभ होता हैं।
प्रतिश्याय (जुकाम) में सौंठ के प्रयोग: जुकाम से परेशान व्यक्ति को 2 चम्मच अदरक के रस में 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से श्वास कास तथा जुकाम आदि नष्ट होते है।
जुकाम में काली राई से उपचार: जुकाम से पीड़ित रोगी को काली राई के तेल को पैरों और तलुवे पर मालिश करने से मस्तक की सर्दी और जुकाम एक रात में नष्ट हो जाते हैं। नाक पर काली राई के तेल की मालिश करने से नाक का बहना शीघ्र बंद हो जाता है।
जुकाम में राई से इलाज: प्रतिश्याय (जुकाम) से परेशान व्यक्ति को राई 510 से 750 मिलीग्राम, चीनी 1 ग्राम दोनों को एक साथ मिलाकर थोड़े जल के साथ सेवन करने से प्रतिश्याय दूर हो जाता है।
जुकाम में पिठवन से उपाय: जुकाम में पिठवन की 10 ग्राम जड़ो को 410 ग्राम पानी में पकाकर चतुर्थाश शेष क्वाथ को मिश्री के साथ मिलाकर पीने से जुकाम में तत्काल लाभ होता है।
जुकाम में पिप्पली के प्रयोग: जुकाम (प्रतिश्याय) में पिप्पली, पीपलामूल, काली मिर्च और सौंठ समभाग का चूर्ण 2 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ चटाने से अथवा पिप्पली के क्वाथ में शहद मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पिलाने से जुकाम से निदान मिलता है।
जुकाम में पान से इलाज: जुकाम से शीघ्र छुटकरा पाने के लिए पान की जड़ और मुलेठी को पानी के साथ पीसकर शहद में मिलाकर रात्रि में सोते समय चटने से जुकाम संबंधी रोग में शीघ्र लाभ होता है।
जुकाम में प्याज से उपचार: जुकाम से ग्रसित रोगी को प्याज का नित्य प्रयोग करने से जुकाम से राहत मिलता है।
जुकाम में निर्गुन्डी से उपाय: जुकाम से परेशान व्यक्ति को निर्गुन्डी के 10 ग्राम पत्ते को 100 ग्राम पानी में उबालकर सुबह-शाम रोगी को पिलाने से जुकाम से जुकाम ठीक हो जाता है।
जुकाम में काली मिर्च के प्रयोग: प्रतिश्याय (जुकाम) में काली मिर्च का चूर्ण 2 ग्राम, गर्म दूध तथा मिश्री के साथ पी लेने अथवा काली मिर्च के 7 दाने निगलने जाने से जुकाम में लाभ होता हैं। 50 ग्राम दही, 15-20 ग्राम गुड़ और एक-डेढ़ ग्राम काली मिर्च चूर्ण इन सब को मिलाकर दिन में दो चार बार सेवन करने से जुकाम शीघ्र नष्ट हो जाता है।
जुकाम में कसौंदी से इलाज: जुकाम और प्रतिश्याय, नासा रोग तथा विशेष रूप से नासरंध्र अवरोध की दशा में कसौंदी पत्र स्वरस की एक-दो बूंदों को नाक में टपकाने से जुकाम में शीघ्र आराम मिलता है।
जुकाम में कटेरी से उपचार: मौसम के बदलाव पर नजला, जुकाम व बुखार हो जाता हैं। इस तरह के मौसम में पित्तपापडा, गिलोय और छोटी कटेरी सबकों समान मात्रा में 20 ग्राम लेकर आधा किलो पानी में पकाकर चतुर्थाश शेष काढ़ा पीने से जुकाम में बहुत लाभदायक होता है।
जुकाम में जीरा से उपाय: जुकाम से परेशान व्यक्ति काले जीरे को जलाकर उसका धुँआ सूँघ लेने से जुकाम और पीनस नष्ट हो जाता है।
जुखाम में हल्दी के प्रयोग: जुकाम से पीड़ित व्यक्ति को रात्रि में सोने से पहले हल्दी के धुंए सूँघ लेने से तथा कुछ देर तक पानी का सेवन नहीं करने से जुखाम में शीघ्र लाभ होता है।
जुखाम में ईसबगोल से उपचार: जुखाम में पित्त प्रकृति के जुखाम में ईसबगोल का लुआब खा लेने से जुखाम में बहुत लाभ होता है। कफ और जुखाम में ईसबगोल का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से कफ निकल जाता है।
सर्दी-जुखाम में अजवायन से इलाज: सर्दी-जुकाम में 2-4 बून्द अजवायन व दिव्यधारा को रुमाल में डालकर सूंघने से या 5-10 बूँद गर्म पानी में डालकर भाप लेने से जुखाम में फौरन आराम मिलता है।
जुखाम (प्रतिश्याय) में गन्ना से उपाय: जुकाम में गन्ने का स्वरस 15 ग्राम, दही 45 ग्राम, मिर्च चूर्ण 3.50 ग्राम, तीनों को एक साथ मिलाकर प्रातः काल तीन दिन नियमित सेवन करने से बिगड़ा हुआ जुकाम, नाक मुंह से दुर्गंध आना, गला पक जाना कास श्वास युक्त जुकाम में तत्काल लाभ मिलता है।
जुकाम में बरगद के प्रयोग: जुकाम में बरगद के कोमल लाल रंग का सूखे पत्ते को कूटकर रख ले, 1 या डेढ़ चम्मच आधा किलो जल में पकाकर चौथाई शेष भाग रहने पर 3 चम्मच चीनी मिलाकर सुबह-शाम चाय की भाँती पीने से जुकाम व नजला का कष्ट दूर हो जाता है।
जुकाम में अमरुद के उपचार: चिरकाल (दीर्घकाल) अधिक समय के जुकाम से परेशान रोगी को एक अच्छे बड़े अमरुद के बीज निकालकर खिला देना चाहिए और उसके बाद रोगी को नाक बंद करके ताजे जल का सेवन करना चाहिए। दो तीन ही दिन में रुका हुआ जुकाम बहकर निकल जायेगा। 50 ग्राम गुड़ सोते समय बिना जल पीये खा लेने से जुकाम में लाभ होता है।
सर्दी और जुकाम में अदरक से इलाज: सर्दी-ज़ुकाम और जी मिचलाने की समस्या के लिए अदरक सबसे पुराना नुस्खा है। अदरक सर्दी के बैक्टीरिया को नष्ट कर सर्दी से तुरंत राहत दिलाता है। गर्भ के शुरुआती दिनों में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस की समस्या को अदरक एकदम ठीक कर देता है।
Search Link: jukam ke karan, lakshan, bachav, gharelu dawayen/aushadhiy evam upchar vidhi in hindi. jukam ke ilaj, jukam ke gharelu ilaj, jukam ki deshi dawayen, pratishyay ke gharelu ilaj, pratishyay ke ilaj, jukam ke upchar, jukam thik karne ke upay, jukam ka ilaj, jukam ke aushdhiy upchar in hindi.
घरेलू दवा:- Constipation:अनियमित दिनचर्या और भाग दौड़ की जीवनशैली में कब्ज होना एक आम समस्या है। भोजन के बाद…
Fistula:लोगों को भगंदर के नाम से ही लगता है कि कोई गंभीर बीमारी है। लेकिन यह एक मामूली फोड़े से…
Back Pain-आज कल भाग दौड़ की जीवनशैली में कमर दर्द एक आम बात हो गई है। क्योंकि लोगों को खड़े…
Teeth pain- कभी-कभी दांतों की जड़ें काफी ढीली पड़ जाती है। जिसके करण लोगों को दांतों के असहनीय दर्द से…
वासा/अडूसा के औषधीय गुण VASA/Adusa वासा/अडूसा अनेक रोग की दवा: मासिक धर्म, सिरदर्द, नेत्र रोग, कैविटी, दंत पीड़ा, ज्वर, दमा, खांसी, क्षय रोग, बवासीर, मुखपाक, चेचक रोग, अपस्मार, स्वांस, फुफ्फस रोग, आध्मान, शिरो रोग, गुर्दे, अतिसार, मूत्र दोष, मूत्रदाह, शुक्रमेह, जलोदर, सूख प्रसव, प्रदर, रक्त…
अफीम के औषधीय गुण Afim/अफीम अनेक रोग की दवा: बुखार, मस्तक की पीड़ा, आँख के दर्द, नाक से खून आना, बाल की सुंदरता, दन्त की…