NIMBU नींबू के फायदे एवं नुकसान: नींबू की दवाएं अनेक बिमारियों में जैसे लू, मस्तक पीड़ा, वजन घटाने, स्कर्वी रोग, पीलिया, नेत्ररोग, विषम ज्वर, मौसमी बुखार, चर्मरोग, खाज, बिच्छू विष, बालों की सुंदरता, मुंहासे, पेट के दर्द, उल्टी, बदहज़मी, भूख न लगने, हैजा, यकृत, पागलपन, धड़कन आदि बिमारियों के इलाज निम्नलिखित प्रकार से घरेलू उपचार किये जाता है, About lemon benefits and side effect of lemon :-
हिंदी | नींबू |
| अंग्रेजी | Lemon |
| संस्कृत | निम्बू, निम्बुक, निम्बूक |
| गुजराती | લીંબુ, लिम्बू, कागजी लीम्बू |
| पंजाबी | ਨਿੰਬੂ, नींबू |
| मराठी | लिंबू |
| बंगाली | লেবু, कागजी लेम्बू, पतिलेम्बू |
| मलयालम | നാരങ്ങ |
| तेलगू | నిమ్మకాయ |
| तमिल | எலுமிச்சை, एलुमिच्चै |
| अरबी | ليمون |
Table of Contents
नींबू से सभी व्यक्ति परिचित है, नींबू के प्रयोग कई प्रकार से होता है, जैसे नींबू का अचार, नींबू की चटनी को सब लोग बड़े स्वाद से खाते है। नींबू की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जहां दूसरे फल पकने पर मीठे हो जाते है, नींबू विटामिन ‘सी’ का मुख्य स्त्रोत है नींबू में स्कर्वी निवारक गुण पाया जाता है। नींबू की कई प्राजातियां पाई जाती है, जैसे : कागजी नींबू जम्मीरी नींबू मीठा नींबू इत्यादि। औषद्यार्था व्यवहार में प्रायः कागजी नींबू का ही प्रयोग करना चाहिए।
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नींबू फल के स्वरस में इसिट्रिक एसिड, फास्फोरिक एसिड, मलिक एसिड एवं शर्करा आदि तत्व पाए जाते हैं। नींबू में में तेल तथा तिक्त स्फटिकीय ग्लूकोसाइड हेस्पेरीडिन, विशेषतः छिलके के श्वेत भाग में पाया जाता है।
गर्मी के मौसम में नींबू और चीनी का शर्बत बनाकर नियमित सेवन करने से लू से प्रभवित रोगी को शीघ्र आराम मिलता है।
नींबू को दो भागों में काट कर माध्यम आग में गरम् करके कनपटियों पर 1 घटे तक सेकने से मस्तक पीड़ा में आराम मिलता है।
नींबू व शहद को 200 ग्राम गुनगुने जल में एक चम्मच नींबू और शहद 2 चम्मच प्रातः काल खाली पेट सेवन करने से मोटापा घटता है।
नींबू का ताजा स्वरस 4 औंस, पोटेशियम क्लोरेट 60 ग्रेन, कुनेन 6 ग्रेन, शक़्कर 2 औंस की मात्रा में 3-4 बार लेने से स्कर्वी रोग में शीघ्र लाभ होता है। तथा नींबू, अनार, जामुन, आंवला, टमाटर, संतरा इत्यादि फल और वनस्पतियां विशेष मात्रा में प्रयोग करने से स्कर्वी रोग में लाभ होता है। मानव शरीर मैं विटामिन सी की कमी से रक्तस्राव रोग (Scurvy) होता है।
नींबू का स्वरस नेत्र में लगाने से पीलिया जैसे जटिल रोग का नाश हो जाता है। तथा पीलिया जड़ से खत्म हो जाती है।
1. नींबू के स्वरस को लोहे के बर्तन में घोंटते-घोंटते जब रस काला हो जाये तो नेत्र के आसपास हल्का लेप करने से नेत्र पीड़ा का कष्ट दूर हो जाता है।
2. नींबू के स्वरस में अफीम को मिलकर लोहे के तवे पर पीसकर लेप करने से नेत्र में आराम मिलता है।
3. नींबू का आधा भाग काट कर लोहे के बर्तन पर रगड़कर पीले वस्त्र में पोटली बनाकर नेत्रों पर स्पर्श करके 10 बार घुमाने से खुजली तथा लाली सभी प्रकार के नेत्र कष्ट दूर हो जाते है।
नींबू का रस तेज कहवा में पीने से मलेरिया ज्वर तुरंत दूर हो जाता है।
नींबू स्वरस 25 ग्राम, चिरायते का काढ़ा 25 ग्राम, दोनों को बराबर-बराबर मात्रा में थोड़ा-थोड़ा करके सेवन करने से मौसमी बुखार दूर हो जाता है।
चर्मरोग में नींबू को काट कर दाद, खाज, चमड़ी काले दाग इत्यादि रोगों पर नींबू को काटकर रगड़ने से लाभ होता है।
नींबू के स्वरस में करोंदा की जड़ पीसकर त्वचा पर लेप करने से खाज-खुजली में तुरंत लाभ होता है।
नींबू के बीजों को 9 ग्राम, सैंधा नमक 8 ग्राम, दोनों की नियमित फकने से बिच्छू का विष उतरता है।
नींबू और आंवला के फलों का स्वरस को निकाल कर बालों में लेप करने से सिर की रुसी मर जाती है। तथा बालों का झड़ना रुकता जाता है।
मेथी दाना और नींबू एक चम्मच, बेर के 10-15 पत्ते बारीक पीसकर सिर में लेप करने के एक घंटे बाद सिर धो लें, और आपके बाल घुंघराले हो जायेंगे।
1. नीबू के स्वरस को चेहरे पर लेप करने से कील और मुंहासे ठीक हो जाते हैं। नींबू, तुलसी और काली कसौंदी का स्वरस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर धुप में रखें दें, जब स्वरस गाढ़ा हो जाये तो मुंह पर लेप करने से मुहासे दूर कर देता है।
2. नींबू और शहद को मिलाकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की झुर्रियां मिटाने लगती है।
3. नींबू एवं अंडे की सफेदी में नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लेप करने से व फिर गुनगुने पानी से धोने से चेहरे पर निखार आता है।
कच्चे नींबू का छिलका दिन में दो तीन बार सेवन करने से पेट में होने वाली बादी मिट जाता है।
खाना खाने के बाद होने वाली उल्टी एवं वमन को रोकने के लिए ताजे नींबू का स्वरस 5-10 मिलीलीटर की मात्रा में पीना से वमन में शीघ्र लाभ होता है।
नींबू, अदरक एवं थोड़ा काला नमक मिलाकर तीनों का स्वरस नियमित सेवन करने से बदहजमी मदाग्नि, तथा आमवात के कष्ट मिट जाते हैं।
1. नींबू के शर्बत में दो गुना पानी, 1-2 नग लौंग और काली मिर्च पीसकर स्वरस पीने से भूख खुल जाती है।
2. नींबू को दो भागों में काटकर काला नमक बुरक के चाटने से भी भूख खुल जाती है।
3. नींबू का रस गर्मी की बदहजमी को मिटाता है।
पेट के कीड़े में नींबू के लाभ एवं फायदे
नींबू के रस का सेवन करने से आँतों के अंदर पेट के कीड़े, टायफायड, अतिसार, हैजा इत्यादि जो भी कीटाणु पैदा हो जाते है, वे नींबू के निरंतर सेवन करने से मर जाते हैं।
नींबू के रस का सेवन भोजन से पूर्व करने से या रस में मिश्री मिलाकर सेवन करने से हैजा प्रभावित रोगी को आराम मिलता है।
पर उत्पन्न छालों व मसूढ़ों पर नींबू का छिलके को जीभ पर रगडने व नींबू का 20-30 ग्राम रस नियमित पीने से झुर्रियों में लाभ होता है।
1. गुनगुने पानी में नींबू का रस व मिश्री मिलाकर सुबह शाम चाय की तरह सेवन करने से यकृत (लीवर) का कष्ट दूर हो जाता है।
2. यकृत रोगों में भुनी हुई अजवायन और सैंधा नमक मिलाकर नींबू का स्वरस नियमित सेवन करने यकृत में लाभ होता है।
नींबू के स्वरस को मस्तक पर लेप करने से पागलपन रोग का कष्ट कट जाता है। नींबू के बीज को खाने से शांति का सा महसूस होता है।
हृदय की धड़कन को सामान्य करने के लिए 13 ग्राम नींबू का स्वरस पिलाने से बढ़ी हुई हृदय की धड़कन सामान्य हो जाती है।
असिडिटी की समस्या Indigestion: अगर आपको असिडिटी की समस्या है तो, नींबू का सेवन एक दम बंद कर दीजिए क्योंकि इसमें ऐसिड होता है।
पेट की खराबी: कुछ लोग खाना पचाने के लिए नींबू के रस का सेवन करते हैं क्योंकि इसका ऐसिड पाचन में मदद करता है। पर पेट में ज्यादा ऐसिड हो जाने की वजह पेट खराब हो सकता है। नींबू का इस्तेमाल खाने के साथ करें।
गुर्दे तथा पित्ताशय की समस्या: नींबू में असिडिक लेवल के अलावा उसमें ऑक्सलेट भी होता है, जो कि ज्यादा सेवन से शरीर में जा कर क्रिस्टल बन सकता है। ये क्रिस्टलाइज्ड ऑक्सलेट, किडनी स्टोन और गॉलस्टोन का रूप ले सकता है।
डीहाइड्रेशन (निर्जलीकरण): नींबू पानी पीने से बार-बार पेशाब आती है, जिससे बॉडी में डीहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए अगर आप नींबू पानी पीना चाहते हैं तो ज्यादा से ज्यादा सादा पानी पिएं।
दाँतों की सुरक्षा: नींबू पानी के प्रयोग से दांतों में ठंडा-गरम लग सकता है। नींबू में सिट्रस ऐसिड होता है, जिसका दांतों में ज्यादा संपर्क होने से दांत संवेदनशील हो जाते हैं। अगर आपको नींबू पानी पीना भी है तो उसे हमेशा स्ट्रॉ से पिएं, जिससे पानी दांतों को न छुए।
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