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अधिकतर गर्मी की शुरुआत होते ही कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती है। कभी-कभी गलत खान-पान के वजह से दस्त की समस्या हो जाती है। यदि समय के अनुसार दस्त का इलाज न किया जाए तो इसके कारण हमारे शरीर में पानी की कमी हो सकती है। जिससे बॉडी में डिहाइड्रेशन होने लगती है। शरीर को स्वस्थ रखने और दस्त से निदान पाने के लिए कुछ सरल घेरलू उपचार के जरीये इस समस्या से शीघ्र ही छुटकारा पा सकते है।
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यदि आपको दस्त की समस्या का समान करना पड़ रहा है तो एक नीम्बू के रस को निकाल कर उसमें एक चम्मच चीनी को अच्छी तरह मिलाकर नियमित दिन में दो-तीन बार सेवन करने से दस्त ठीक हो जाता हैं। अग्नि को बढ़ाकर भूख की वृद्धि करता है, और बिगड़ी हुई वायु को भी ठीक करता है। परहेज: इस दवा के प्रयोग के ठीक बाद पानी का सेवन नहीं करना चहिए। तथा पतली खिचड़ी और हल्का भोजन करना चहिए।
दस्त से शीघ्र राहत पाने के लिए 5 ग्राम जीरा और 5 ग्राम सौंफ दोनों को मिलाकर उसे पीस कर चूर्ण बना लें, उसके बाद 1 गिलास पानी के साथ सुबह-शाम 1 चम्मच के प्रयोग से दस्त जैसी समस्या से निदान पा सकेंगे।
जामुन के पत्तों को सूखाकर पीस लें, उसके बाद इसमें 2/4 चम्मच सेंधा नमक का मिश्रण करके इसे दिन में दो-तीन बार सेवन करने से दस्त में आराम मिलता है।
संतरे के छिलके को सूखा तथा पीस कर चूर्ण बना लें, इसी प्रकार मुनक्का के सूखे बीज को पीस कर चूर्ण बना ले, अब इन सबको बराबर मात्रा लेकर पानी में अच्छी तरह से मिलाकर पीने से दस्त में फायदा करता है।
दही में बैक्टीरिया पाये जाते है जो की हमारे शरीर के लिए बहुत गुणकारी होते है। यह बैक्टीरिया दस्त से मुक्ति पाने के लिए लैक्टिक एसिड को उत्पन्न करता है अथवा आंत को एक सुरक्षित कवच प्रदान करता है।
5 ग्राम सौंफ को कुटकर चूर्ण बना लें, और पानी में उबाल लें और ठंडा कर लें। ठंडा हो जाने पर इसे मसल छानकर तथा 1 चम्मच पानी या 2 चम्मच गाय के दूध में मिलाकर सुबह-शाम तथा दोपहर ग्रहण करने से मरोड़, अपच, पेट फुलना,दस्त आदि की समस्या से छुटकारा मिलता है।
पेट का दर्द या दस्त में दही का प्रयोग काफी लाभकारी होता है। दही में पाई जाने वाली बैक्टीरिया पेट का संतुलन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। जिससे दस्त फौरन ठीक होता है। इसके साथ ही यह पेट को शीतल करता है।
यदि आपको बार-बार दस्त आ रहा हो तो कच्चा या पके केले का सेवन आपको दस्त से राहत देता है। केले में विद्द्मान पेक्टिन पेट को स्थाई रखने का काम करता है। केले में प्राप्त पोटैशियम की उच्च मात्रा हमारे स्वास्थ के लिए लाभकारी होती है।
दस्त से ग्रसित मरीज को एक चम्मच अदरक के रस में एक चम्मच नीम्बू का रस मिलाकर साथ ही काली मिर्च के साथ दिन में दो-तीन बार प्रयोग करने से दस्त के दोष दूर हो जाते है।
वासा के पत्तों का स्वरस 10-20 ग्राम की मात्रा को दिन में तीन-चार बार सेवन करने से दस्त या खूनी दस्त में बहुत लाभकारी है।
दस्त (लूस मोशन) के 7 सरल घरेलू उपचार-Home Remedies for Loose Motions in Hindi
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