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नींबू के फायदे, नुकसान एवं औषधीय गुण Nimbu ke Fayde/ aushadhiya gun

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बिजौरा नींबू के फायदे, नुकसान एवं औषधीय गुण, बिजौरा नींबू की दवा:-बुखार, वमन, पाचन शक्ति, तिल्ली, मूत्रविकार, पेट के कीड़े, रक्तपित्त, पित्तज्वर, खुजली, छाती की पीड़ा, कमर की पीड़ा, कूल के जोड़ों की पीड़ा, दर्द, सूजन, चर्मरोग, निद्रा, मुंह के छाले, सर्पविष, बिच्छू विष, ततैया विष, मकड़ी विष, चूहा विष आदि बीमारियों के इलाज में बिजौरा नींबू की घरेलू दवाएं एवं औषधीय चिकित्सा प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से किये जाते है:-बिजौरा नींबू के फायदे, नुक्सान एवं सेवन विधि:Bijaura Neemboo Benefits And Side Effects In Hindi.

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Table of Contents

बिजौरा नींबू के विभिन्न भाषाओँ में नाम

हिंदी                    –        बिजौरा नींबू
अंग्रेजी                –        आडम्स, एप्पल, सिट्रोन
कुल नाम            –        Rutaceae
वैज्ञानिक नाम    –       Citrus Medica L..

बुखार में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

ज्वर (बुखार) और अन्य प्रादाहिक पीड़ाओं में बिजौरा नींबू के रस को पानी मिलाकर तथा चीनी के साथ पिलाने से बुखार में लाभ होता है। बिजौरा नींबू के रस में थोड़ा कुनैन बुरक कर सुबह-शाम तथा दोपहर पिलाने से पित्त ज्वर और नियत कालिक ज्वर टूट जाता हैं। पत्तों का फाँट भी लाभकारी है।बिजौरा नीम्बू की जड़ की छाल का काढ़ा 10-20 ग्राम दिन में दो तीन बार पिलाने से बुखार उत्तर जाता है।

वमन में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

वमन (उल्टी) में बिजौरा नींबू की 10-20 ग्राम जड़ों को 200 मिलीलीटर पानी में उबालकर चतुर्थाश शेष काढ़ा पिलाने से वमन बंद होती है।

पाचन शक्ति में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

मंदाग्नि (पाचन शक्ति) भोजनोपरांत अगर उल्टी आती है तो सायंकाल के समय बिजौरा नींबू का ताजा रस 5-10 ग्राम पिलाने से पाचन शक्ति में आराम मिलता है।

तिल्ली रोग में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

तिल्ली रोग में बिजौरा नींबू का अचार खाने से तिल्ली रोग में लाभ होता है।

मूत्रविकार में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

मूत्रविकार मूत्र में रेत आने पर बिजौरा नींबू की मूल की छाल का 2-5 ग्राम चूर्ण का सेवन सुबह-शाम के बासी जल के साथ प्रयोग करने से मूत्रविकार ठीक हो जाता है।

पेट के कीड़े में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

उदरकृमि (पेट के कीड़े) में बिजौरा नींबू के बीजों की 5-10 ग्राम गिरी की फंकी गर्म जल के साथ सेवन करने से आँतों के कीड़े मरते हैं।

रक्तपित्त में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

रक्तपित्त में बिजौरी नींबू की जड़ और बिजौरा नींबू के फूलों का चूर्ण बराबर-बराबर मात्रा में लेकर चावल की मांड के साथ सेवन करने से रक्तपित्त ठीक हो जाता है।

पित्तज्वर में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

पित्तज्वर में अधिक प्यास लगने पर बिजौरा नींबू की कली, शहद तथा सैंधा नमक एक साथ पीसकर मुख के तलवे पर लेप करने से प्यास एक दम मिट जाती है।

खुजली में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

खुजली से परेशान व्यक्ति को गंधक को बिजौरा नींबू के रस में मिलाकर लेप करने से खुजली मिटती है।

छाती की पीड़ा में बिजौरा नीबू के फायदे एवं सेवन विधि:

छाती की पीड़ा से ग्रसित मरीज को बिजौरा नीबू के 10 ग्राम रस में 500 मिलीग्राम यवक्षार और 2 चम्मच शहद मिलाकर पिलाने से छाती की पीड़ा शीघ्र शांत हो जाती है।

कमर दर्द में बिजौरा नीबू के फायदे एवं सेवन विधि:

कमर दर्द के मरीज को बिजौरा नीबू के 10 ग्राम रस में 500 मिलीग्राम यवक्षार और 2 चम्मच मधु मिलाकर पिलाने से कमर का दर्द फौरन ठीक हो जाता है।

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कूल के जोड़ों की पीड़ा में बिजौरा नीबू के फायदे एवं सेवन विधि:

कूल के जोड़ों की पीड़ा में बिजौरा नीबू के 10 ग्राम रस में 500 मिलीग्राम यवक्षार और 2 चम्मच खंड मिलाकर प्रयोग करने से कमर का दर्द में शीघ्र लाभ होता है।

दर्द में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

किसी भी प्रकार का दर्द हो रहा हो तो बिजौरा नींबू के पत्तों को गर्म करके पीड़ा युक्त स्थानों पर बांधने से दर्द में लाभ होता है।

सूजन में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

सूजन से ग्रसित व्यक्ति को बिजौरा नींबू के बीजों को पीसकर इनका लेप सूजन तथा चर्म रोगों में लाभकारी है।

चर्मरोग में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

चर्मरोग में बिजौरा नींबू के बीजों को पीसकर इसका गाढ़ा लेप करने से चर्म रोग के रोगी को आराम मिलता है।

निंद्रा में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

निद्रा लाने वाले तीक्ष्ण विषों के प्रभाव को नष्ट करने के लिए बिजौरा नींबू का रस 10-20 ग्राम मात्रा में थोड़ी-थोड़ी देर से पिलाने से निंद्रा दूर हो जाती है।

मुंह के छाले में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

मुंह के छाले में बिजौरा नींबू में मौजूद सिट्रिक और एस्कॉर्बिक एसिड मजबूत एंटीमाइक्रोबायल हैं जो मुंह के छाले को नष्ट कर देते है।

सर्पविष में बिजौरा नींबू के फायदे एवं सेवन विधि:

सर्पविष को उतरने के लिए बिजौरा नींबू का अर्क 20-25 बूँद कान में टपकाने से सर्पविष शीघ्र उत्तर जाता है।

बिच्छू विष में बिजौरा नीम्बू के फायदे एवं सेवन विधि:

बिच्छू विष उतरने के लिए बिजौरा नीबू का अर्क 20-30 बून्द कान में टपकाने से या फिर पत्तों को पानी में पीसकर टंक वाले स्थान पर लेप करने से बिच्छू विष उत्तर जाता है।

ततैया विष में बिजौरा नीबू के फायदे एवं सेवन विधि:

ततैया विष को उतरने के लिए बिजौरा नीबू के पत्तों को थोड़ा सा पानी में पीसकर लेप करें या नीबू अर्क 20-30 बून्द कान में टपकाने से ततैया विष फौरन उत्तर जाता है।

मकड़ी का विष में बिजौरा नीबू के फायदे एवं सेवन विधि:

मकड़ी के विष को उतरने के लिए बिजौरा नीबू का अर्क 20-25 बून्द कान में टपकाने से या नीबू के पत्तों को पानी में पीसकर लेप करने से मकड़ी का विष उत्तर जाता है।

बिजौरा नींबू का परिचय

बिजौरा नींबू का फल नींबू से काफी बड़ा होता है। यह मीठे और खटटे के भेद से दो प्रकार का होता है। मीठे फल का बिजौरा लाल गुलाबी रंग का होता है। इसका छिलका बहुत मोटा होता है।

बिजौरा नींबू के औषधीय गुण-धर्म

दीपन, कण्ठ्य, जीभ, हृदय को शुद्ध करने वाला, और दमा-कास, अरुचि, पित्त तथा तृषानाशक है।बिजौरा नींबू की जड़ कृमिनाशक है तथा कब्ज या गाँठ के रोग में प्रयोग की जाती है। कलियाँ और फूल उत्तेजक, आंत्र संकोचक, उदर विकारों में लाभदायक है। फल का छिलकातिक्त तेलयुक्त होता है।

बिजौरा नीबू के नुकसान

बिजौरा नींबू के रस का अधिक सेवन करने दांतो का संपंर्क होने से दांतों की ऊपरी सतह को नुकसान पहुंचता है। इससे बचने के लिए नींबू को रस को पानी में मिलाकर पिएं। इसके अलावा आप दांतो की सेफ्टी के लिए स्ट्रा की मदद भी ले सकते हैं। इससे नींबू के रस और दांतो में संपंर्क नहीं होना चाहिए।

बिजौरा नींबू का अधिक सेवन कभी-कभी माइग्रेन का कारण भी बन सकता है। कुछ लोगों को नीबू से एलर्जी भी होती है। इसके अलावा यह अस्थमा के लक्षणों को भी बढ़ा सकता है।

बिजौरा नींबू का ज्यादा प्रयोग करने श्लेष्मा झिल्ली को नुकसान पहुंचाता है जिससे मुंह के छालों की समस्या का सामना करना पड़ता है।

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