अंडकोष हाइड्रोसील के कारण लक्षण प्रकार घरेलू दवाएं/ आयुर्वेदिक औषधि एवं उपचार विधि
अंडकोष वृद्धि/वृषण/हाइड्रोसील के कारण, लक्षण, घरेलू दवाएं/ आयुर्वेदिक औषधि एवं उपचार विधि-हिंदी
Hydrocele वृषण (अंडकोषवृद्धि) क्या होता है What is Hydrocele in Hindi?
Andkosh Ka Badhana/Vriddhi: वृषण/अंडकोषवृद्धि (hydrocele) पुरुषों के अंडकोष में होने वाली गुप्त गंभीर समस्या है जो कि दोनों अंडकोषों में भी हो सकती है। किसी कारण बस वृषण की थैली में पानी भर जाने कारण अंडकोष की थैली फूलकर बड़ी हो जाती है तो अंडकोष की इस अवस्था को (hydrocele), अंडकोष वृद्धि, वृषण की सूजन भी कहते हैं। वृषण में अधिक पानी आ जाने कारण अंडकोष गुब्बारे की तरह फुलकर दर्द युक्त हो जाता है। हाड्रोसील को ठीक करने के लिए अंडकोष से पानी निकालने की आवश्यकता पड़ती है। कुछ व्यक्तियों में हाइड्रोसील की समस्या वंशानुगत या जन्मजात भी होती है। जन्मजात (hydrocele) नवजात शिशु में होता है और जन्म के पहले वर्ष में नष्ट हो सकता है। वैसे तो यह बीमारी किसी भी अवस्था में हो सकती है लेकिन यह ज्यादातर 40 वर्ष के बाद इसकी समस्या अक्सर देखी जाती है। अंडकोष वृद्धि की समस्या के कारण हर्निया की शिकायत भी हो सकती है। Testicle ki dava. Testicle ki gharelu dava, Testicle ke karan aur desi dava.
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अंडकोष वृद्धि के कारण: अंडकोष में चोट लग जाने या नसों में खिचाव आने पर और अंडकोष दब जाने के कारण भी अंडकोष की वृद्धि हो सकती है। इसके आलावा यौन अंगों में दूषित मल के एकत्रित्र हो जाने के कारण अंडकोष की वृद्धि हो जाती है तथा गलत खान पान या कब्ज के कारण भी अंडकोष की वृद्धि हो सकता है। पुरुषों द्वारा अधिक समय तक सम्भोग करने या पेशाब को अधिक समय तक रोकने से भी अंडकोष की वृद्धि होती है।यदि कोई भी ब्यक्ति बिना लंगोट के दौड़ तैयारी करता है या फिर अधिक वजन उठता है तो भी अंडकोष की वृद्धि/ पोता बृद्धि हो सकती है।
अंडकोष वृद्धि के लक्षण: अंडकोष में किसी भी प्रकार की चोट लगने से अंडकोष में वृद्धि हो जाती है या नसों के खिचाव होने से भी अंडकोष की वृद्धि होती है। वृषण में सूजन होने के कारण उसमें भारीपन का एहसास होता है एवं अंडकोष की थैली में रबड़ जैसी सूजन दिखाई पड़ती है।
अंडकोष बृद्धि के प्रकार: हाइड्रोसील के दो प्रकार होते हैं (i) नॉन कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील (ii) कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील. Type of Hydrocele: Two Types of hydrocele: 1. Communicating hydrocele. 2. Non Communicating hydrocele.
नॉन कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील: इस प्रकार की अडंकोष बृद्धि के आकर का अनुभव कम होता है तथा कम खतरनाक होता है। नोकमुनिकटिंग अंडकोष बृद्धि में साधारणतया परिवर्तन नहीं दिखाई देता है, यदि अंडकोष जल भराव होता भी है तो बहुत धीरे धीरे होता है। यदि इसका इलाज समय से नहीं कराया जाता है तो हर्निया की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील: इस प्रकार के हाइड्रोसील में अंडकोष में जल भराव निरंतर होता रहता है जिससे अंडकोष के आकर में सूजन एवं बृद्धि दिखाई पड़ती है। कम्युनिटिंग हाइड्रोसील का अविलम्ब उपचार आवश्यक है।
अंडकोष वृद्धि /वृषण/हाइड्रोसील के कारण, लक्षण, घरेलू
दवाएं/आयुर्वेदिक औषधि एवं उपचार सेवन विधि
अंडकोषवृद्धि में सौंठ के प्रयोग से घरेलू उपचार: हाइड्रोसील में सौंठ के 10-20 ग्राम स्वरस में 2 चम्मच मधु को मिलाकर रोगी को सुबह-शाम पिलाने से अंडकोषवृद्धि समाप्त हो जाती है। सोंठ के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
अंडकोषवृद्धि में पलाश के प्रयोग से घरेलू उपचार: हाइड्रोसील में मरीज को पलाश की छाल को 4 ग्राम की मात्रा में जल के साथ पीसकर दिन में दो तीन बार प्रयोग करने से अंडकोष की वृद्धि में लाभ होता है। पलाश के पत्ते, फूल, जड़, छाल आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
अंडकोषवृद्धि में हरड़ के प्रयोग से घरेलू इलाज: हाइड्रोसील में 5 ग्राम जवा हरड़ 1 ग्राम सैंधा नमक को 50 ग्राम एरंड के तेल और 50 ग्राम गोमूत्र में पकाकर तेल मात्र शेष रहने पर छानकर गर्म जल के साथ सुबह-शाम लेने से पुरानी अंडकोष वृद्धि नष्ट हो जाती हैं। हरड़ के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
वृषण की सूजन में भारंगी के प्रयोग से घरेलू उपचार: अंडकोष वृद्धि में भारंगी की जड़ की छाल को जौ के पानी के साथ पीसकर हल्का गर्म कर बांधने से अंडकोष की सूजन बिखर जाती है। भारंगी के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
वृषण की सूजन में बला/ खिरैटी के प्रयोग से इलाज: अंडकोषवृद्धि में बला के 10 ग्राम काढ़ा में 10 ग्राम तक शुद्ध रेंडी का तेल मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से अंडकोष की सूजन नष्ट हो जाती है। बला के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
अंडकोष वृद्धि में अपराजिता/भगपुष्पी के प्रयोग से इलाज: हाइड्रोसील में अपराजिता/भगपुष्पी के बीजों को निकालकर पीस ले और हल्का गर्म ही गर्म लेप करने से अंडकोष की सूजन बिखर जाती है। अपराजिता के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
वृषण में अंगूर के प्रयोग से घरेलू उपचार: अण्डकोष की सूजन में अंगूर के 5-10 पत्तों पर गया का देशी घी चुपड़कर तथा आग पर हल्का गर्म करके बाँधने से अंडकोष की सूजन कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है। अंगूर के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
अंडकोषवृद्धि में अमलतास के प्रयोग से घरेलू इलाज: हाइड्रोसील में अमलतास फली की 15 ग्राम गुदा को 100 ग्राम पानी में उबालकर 25 ग्राम शेष रहने पर उसमें गाय का घी 30 ग्राम मिलाकर पीने से अंडकोष वृद्धि में आराम मिलता है। अमलतास के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
अंडकोष वृद्धि में अनार के प्रयोग से घरेलू इलाज: अंडकोष वृद्धि के रोगी को नित्य अनार और संतरे का जूस पिलाने से या फिर रोजाना 20-25 किशमिश खाने से अंडकोष की वृद्धि ठीक हो जाती है। अनार के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
वृषण में आम के प्रयोग से घरेलू उपचार: अंडकोष की वृद्धि में रोगी को आम के 25 ग्राम पत्ते और 10 ग्राम सेंध नमक दोनों को भली भांति पीसकर हल्का सा गर्म करके अंडकोष के आस-पास लेप करने से अंडकोष की वृद्धि में लाभ होता है। आम के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
वृषण में हल्दी के प्रयोग से घरेलू उपचार: हाइड्रोसील में हल्दी को पीसकर सरसों के तेल के साथ हल्का गर्म करके अंडकोष पर लेप करने या फिर किसी कॉटन कपडे के साथ अंडकोष पर बाँधकर लेने और एक दो दिन आराम करने से अंडकोष की वृद्धि कुछ ही दिनों में सामान्य हो जाता है। हल्दी के युर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
वृषण की सूजन में लाजवंती/छुई-मुई के प्रयोग से इलाज: वृषण (अंडकोष की सूजन) में छुई-मुई/लाजवंती के पत्तों को कूट पीसकर अंडकोष पर लेप करने से अंडकोष की सूजन बिखर जाती है। छुई-मुई/ लाजवंती के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
अंडकोष की सूजन में अरंडी के प्रयोग से घरेलू उपचार: अंडकोष की सूजन में 10 ग्राम एरंड तेल को 4 ग्राम त्रिफला और 10 ग्राम गौमूत्र के साथ सुबह-शाम पीने से एवं वेदनायुक्त स्थान पर एरंड पत्र गर्म कर बांधने से अंडकोष की सूजन शीघ्र बिखर जाती है। एरंड के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
अंडकोष की सूजन में भांगरा के प्रयोग से घरेलू इलाज: अंडकोष की सूजन में भांगरा के पंचांग को पीसकर टिकिया बनाकर अंडकोष पर बांधने से अंडकोष की सूजन तत्काल बिखर जाती हैं। भांगरा के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
अंडकोष की सूजन में भांग के प्रयोग से घरेलू इलाज: अंडकोष की सूजन में भांग को पानी के साथ पीसकर उसी पानी से अंडकोष को धोने से तथा फोम अंडकोष पर बांधने से अंडकोष की सूजन बिखर जाती है। भांग के गीले पत्तों की पोटली बनाकर अंडकोष पर बांधने से और सूखी भाग को पानी में उबालकर बफारा देने से अंडकोष की सूजन बिखर जाती है। भांग के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
अंडकोष की सूजन में आक (मदार) के प्रयोग से इलाज: अंडकोष की सूजन में रोगी को 8-10 ग्राम आक की छाया शुष्क छाल को कांजी के साथ पीसकर अंडकोष पर लेप करने से अंडकोष की गजचर्म के समान मोटी पड़ी हुई चमड़ी पतली हो जाती है। मदार के 3-4 पत्तों को तिली के तैल के साथ पत्थर पर पीसकर मलहम बनाकर फोड़े, अंडकोष के दर्द में लेप कर लंगोट कस देने से अंडकोष की सूजन में शीघ्र आराम मिलता है। आक (मदार) के आयुर्वेदिक औषधीय गुण/ दवा के रूप में प्रयोग अन्य बिमारियों के घरलू इलाज/ उपचार में रामबाण होती हैं।
सुझाव: अण्डकोषों की वृद्धि को सामान्य रखने के लिए आप को हमेशा टाइट कपड़ा पहनना चाहिए या लंगोट पहनना चाहिए ऐसा करने से आपके अंडकोष समान्य रहते हैं।
Note: सशस्त्र सेना, पुलिस बल केंद्रीय/ राज्य पुलिस में भर्ती होने के लिए हाइड्रोसील/ अंडकोष बृद्धि का उपचार करने के बाद ही मेडिकल में जाने की सलाह दी जाती है। Andkosh ka kaise karen ilaj.
अंडकोष/वृषण/हाइड्रोसील के कारण, लक्षण, घरेलू दवाएं/ आयुर्वेदिक औषधि एवं उपचार विधि
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Hydrocele वृषण (अंडकोषवृद्धि) सूजन कारण, लक्षण एवं इलाज-Testicular Causes, Symptom and Treatment in Hindi.